गाण्याचे शीर्षक: | पीकू |
फिल्म: | पीकू |
गायक: | सुनिधी चौहान |
संगीत: | अनुपम रॉय |
गीत: | मनोज यादव |
संगीत लेबल: | झी म्यूझिक कंपनी |
पीकू फिल्म पीकू का गीत है। इस गाने की गायिका सुनिधी चौहान ये हैं। साथ ही इस गीत के शब्द मनोज यादव ने लिखे हैं। और यह गीत झी म्यूझिक कंपनी द्वारा किया गया है।
Hindi Lyrics
सुबह की धूप पे इसी की दस्तखत है
इसी की रौशनी उड़ी जो हर तरफ है
ये लम्हों के कुँए में रोज़ झाँकती है
ये जा के वक़्त से हिसाब माँगती है
ये पानी है, ये आग है
ये खुद लिखी किताब है
प्यार की खुराक सी है, पिकू!
सुबह की धूप…
पन्ना साँसों का पलटे
और लिखे उनपे मन की बात रे
लेना इसको क्या किससे
इसको तो भाये खुद का साथ रे
ओ-ओ-ओ बारिश की बूँद जैसी
सर्दी की धुंध जैसी
कैसी पहेली इसका हल न मिले
कभी ये आसमां उतारती है नीचे
कभी ये भागे ऐसे बादलों के पीछे
इसे हर दर्द घूँट जाने का नशा है
करो जो आये जी में इसका फलसफा है
ये पानी है, ये आग है….
मोड़े राहों के चेहरे
इसको जाना जिस ओर रे
असे सरगम सुनाये
खुद इसके सुर हैं इसके राग रे
ओ-ओ-ओ रूठे तो मिर्ची जैसी
हँस दे तो चीनी जैसी
कैसी पहेली इसका हल ना मिले
सुबह की धूप…