गाण्याचे शीर्षक: | नज़दीकियां |
फिल्म: | शानदार (2015) |
गायक: | निखिल पॉल जॉर्ज, नीती मोहन |
संगीत: | अमित त्रिवेदी |
गीत: | अमिताभ भट्टाचार्य |
संगीत लेबल: | झी संगीत कंपनी |
नज़दीकियां फिल्म शानदार का गीत है। इस गाने की गायिका निखिल पॉल जॉर्ज, नीती मोहन ये हैं। साथ ही इस गीत के शब्द अमिताभ भट्टाचार्य ने लिखे हैं। और यह गीत झी संगीत कंपनी द्वारा किया गया है।
Hindi Lyrics
रातों के जागे सुबह मिले हैं
रेशम के धागे ये सिलसिले हैं
लाज़मी सी लगने लगी है
दो दिलों की अब नज़दीकियां
हम्म दिखती नहीं है
पर हो रही हैं महसूस नज़दीकियां
दो दिल ही जाने
लगती हैं कितनी मेहफ़ूज़ नज़दीकियां
ज़रिया हैं ये आखें ज़रिया
छलकता है जिनसे एक अरमानों का दरिया
आदतें हों इनकी पुरानी
अनकही सी कह दे कहानी
परछाइयाँ दो जुड़ने लगी हैं
देखो हवा में उड़ने लगी हैं
पंख जैसी लगने लगी है
दो दिलों की अब नज़दीकियां