गाने के शीर्षक: | क्या देखते हो सुरत तुम्हारी |
फिल्म: | कुर्बानी |
गायक: | मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले |
गीत काव्य: | इंदीवर |
संगीत प्रकाशक: |
Hindi Lyrics
क्या देखते हो, क्या देखते हो
सुरत तुम्हारी
क्या चाहते हो
चाहत तुम्हारी
ना हम जो केह दे
केह ना सकोगी
लगती नही ठीक नियत तुम्हारी
क्या देखते हो
सुरत तुम्हारी
क्या चाहते हो
चाहत तुम्हारी
ना हम जो केह दे
केह ना सकोगी
लगती नही ठीक नियत तुम्हारी
क्या देखते हो
सुरत तुम्हारी
रोज रोज
रोज रोज देखू तुझे, नयी नयी लगे मुझे
अगो मै अम्रित की धारा
तेरे अगो मै अम्रित की धारा
दिल लेने की ढंग तेरी सिखी कोई रंग तेरे
बातो का अंदाज प्यारा
तेरी बातो का अंदाज प्यारा
शरारत से चेहरा चमकणे लगा क्यो
शरारत से चेहरा चमकणे लगा क्यो
ये रंग लायी है संगत तुम्हारी
क्या देखते हो
सुरत तुम्हारी
सोचो जरा
सोचो जरा जान-ई-जिगर, बितेगी क्या तुमपे अगर
हमको जो कोई चुरा ले
तुमसे हमको जो कोई चुरा ले
किसी ने जो तुम्हे छेहना, नामुंकिम है उसका जीना
कैसे नजर कोई डाले
तुमपे कैसे नजर कोई डाले
प्यार पे अपने इतना भरोसा
प्यार पे अपने इतना भरोसा
इतना मोहब्बत मै फितरत हमारी
क्या देखते हो
सुरत तुम्हारी
क्या चाहते हो
चाहत तुम्हारी
ना हम जो केह दे
केह ना सकोगी
लगती नही ठीक नियत तुम्हारी
क्या देखते हो
सुरत तुम्हारी